Tuesday, September 18, 2018

想要拯救海洋?请远离十种“隐形微塑料”

特丽莎·梅政府近日出台新的环境计划,制定了有关降低塑料污染的雄心勃勃的目标。不过,这些目标很有可能无法实现。政府提出的其中一个目标就是消灭一切“可以避免”的塑料污染,但是并未明确给出“可以避免”的定义。目前,政府已经推出了若干具体措施,例如,每个塑料袋收费5便士的规定从大型超商推广至所有商业企业。此外,为了解决塑料微粒扩散的问题,政府近期宣布禁止在个人护理产品中使用微珠。

但此类措施即便在全球范围内推广也无法根除环境中“微塑料”的问题。

问题在于,所有的塑料最终都会变成虽然微小但却十分顽固的颗粒。在海洋中,即便是块头最大、强度最高的塑料最终也会在海浪和阳光的作用下被打碎、分解,直至最终变成直径不超过5毫米(大约蚂蚁那么大)的小颗粒,这些颗粒被称为“二次微塑料”。这种由饮料瓶、渔具、一次性餐具等用品转化而来的塑料比牙膏中含有的原本就体型微小的“初级微塑料”要多得多。

微珠是最常见的塑料微粒污染来源之一,但是,我们日常生活中还存在其他不那么起眼的微塑料污染源,我们称之为“隐藏的微塑料”,其中包括:轮胎由橡胶和大约60%的塑料(苯乙烯丁二烯)制成。车辆行驶过程中的摩擦、压力和热量所导致的轮胎磨损仅在英国就每年产生大约6.3万吨的塑料粉尘。这些塑料粉尘如进入大气,可以导致空气质量恶化,世界卫生组织( )认为这是导致早亡的原因之一。

如果塑料粉尘被水冲入下水道、河流和海洋,则可能会被贻贝等滤食动物摄入,从而进入人类的食物链。轮胎行业可以改用从橡胶树中提取的天然乳胶,但这同样会造成环境代价:扩大橡胶种植面积已经给东南亚地区的濒危生物带来了“灭顶之灾”。

2. 人工合成衣物
用丙烯酸塑料、聚酯、聚酰胺和氨纶纤维等材料制成的户外装备、裹腿、卫衣和套衫每次洗涤都会散落大约70万根微纤维。微纤维一旦进入水中就极难滤出,并且研究表明,很多国家的自来水中已经发现了此类纤维。

在美国,94%的自来水检测样本中含有纤维。因摩擦或者烘干脱落的纤维随空气传播,成为一种可吸入的粉尘,并且纤维中含有的毒性物质据信可以通过肺部吸收进入人体。在自然环境中,纤维被鱼类和其他动物摄入,并且通常优先于食物进入动物自身系统。如何解决?在所有洗衣机中安装滤网,并选择使用天然纤维。网球毛茸茸的表层由聚对苯二甲酸乙二醇酯( )制成,这种材料还被用来制作塑料奶瓶。与轮胎同理,这种塑料在使用过程中会磨损,变成粉尘。

4. 洗衣和洗碗凝珠/药片

各种含有清洁成分的洗涤剂和消毒剂都包含聚乙烯( )或者聚丙烯( )等微塑料。此类物质与化妆品中禁用的微珠是同一种物质。更好的方式是使用磨碎的椰子壳等天然材料。

5. 烟蒂

香烟过滤嘴由醋酸纤维素制成,这是一种不可生物降解的塑料。过滤嘴中的纤维可能脱落,并且一旦使用过就会释放包括尼古丁在内的大量有毒物质。烟蒂是最严重的海洋污染物,也是清理海滩时最常见的垃圾。装饰亮片深受幼儿园手工课老师的喜爱,但大多数亮片都是由PET或者聚氯乙烯薄膜( )制成的,极难处理。可以用桉树制成的可生物降解的纤维素薄膜亮片替代。

7. 湿巾

婴儿湿巾、擦手湿巾以及卸妆湿巾等产品一般都是由聚酯、聚乙烯和聚丙烯(或者是这些塑料和天然纤维的混合物)制成。它们不仅会堵塞下水道,造成地沟油块,而且其中的塑料不会溶解。它们还会释放塑料纤维。传统的全棉毛巾才是环保的选择。很多茶包不是可以完全生物降解的,而是含有一个聚丙烯“骨架”。茶包中的纸在堆肥或者土壤中降解之后,这些聚丙烯骨架会碎成小块。购买时应该向生产商询问茶包是否不含塑料,否则应该改用散茶叶。

9. 油

海洋表面布满了道路施划、船舶涂料和房屋涂色用的热塑油漆所产生的塑料粉尘。但不是所有的油漆都含有塑料。请使用以亚麻籽油或者乳胶作为粘合剂的油漆。

10. 外卖饮料杯

外卖饮料纸杯表面涂有一层聚乙烯。跟茶包一样,如果纸杯被丢弃或者填埋,在纸降解之后,塑料会碎成小颗粒。这种混合材料需经专业回收设施处理,否则,您最好自己携带可重复使用的杯子。

我们如果想切实改变现状,就需要解决各种塑料垃圾的问题:既要解决我们看得见的塑料垃圾,也要应对很多我们看不见的塑料垃圾。有一些塑料产品是我们生活中不可或缺的,但也有很多塑料产品我们可以轻易弃用、替代或减少使用。

Thursday, September 6, 2018

भारत-अमेरिका की पहली 2+2 बैठक आज, यूएस के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो भारत पहुंचे

  भारत-अमेरिका के बीच पहली 2+2 वार्ता गुरुवार को होगी। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो बुधवार शाम भारत पहुंचे। दिल्ली एयरपोर्ट पर भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने उनका स्वागत किया। इससे पहले पोम्पियो ने भारत पहुंचने से पहले कहा- वार्ता में भारत और रूस मिसाइल सौदे और ईरान से तेल आयात करने पर बातचीत हो सकती है, लेकिन इस पर जोर नहीं रहेगा। ऐसा कहा जा रहा है कि इस बातचीत में भारत इन दोनों मुद्दों पर अपना पक्ष मजबूती से रखने की तैयारी कर चुका है। भारत अमेरिका को सुरक्षा और अपने ईंधन संकट के बारे में समझाने की कोशिश कर सकता है।

इस वार्ता में दोनों देशों के रक्षा और विदेश मंत्रियों के बीच आतंकवाद, रक्षा सहयोग और व्यापार पर बातचीत होना तय है। इसके अलावा, दोनों देश पाकिस्तान की नई सरकार पर राय, एच-1बी वीजा की प्रक्रिया में बदलाव जैसे मुद्दे पर भी बात कर सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, दोनों देश काफी समय से लंबित मामलों और संचार-सुरक्षा समझौते (सीओएमसीएएसए) पर एकमत हो सकते हैं। सीओएमसीएएसए से भारतीय सेना को अहम अमेरिकी सैन्य तकनीक हासिल करने में आसानी होगी।

12 सदस्यीय प्रतनिधिमंडल आएगा : सूत्रों का कहना है कि अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो के साथ रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस मौजूद रहेंगे। वहीं, 12 सदस्यीय अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल में ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ के प्रमुख जनरल जोसेफ डनफोर्ड भी शामिल हैं।

पहले दोनों मंत्रियों की अलग-अलग बैठक होगी : गुरुवार सुबह सुषमा स्वराज की पोम्पियो के साथ और सीतारमण की मैटिस के साथ अलग-अलग बातचीत होगी। इसके बाद दोनों देशों के मंत्री 2+2 बैठक करेंगे। लंच के बाद स्वराज, सीतारमण, पोम्पियो और मैटिस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। पोम्पियो गुरुवार शाम ही अमेरिका चले जाएंगे, जबकि मैटिस शुक्रवार सुबह रवाना होंगे।

दो बार टल चुकी 2+2 बैठक : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच जून 2017 में व्हाइट हाउस में मुलाकात हुई थी। उस दौरान पहली 2+2 वार्ता को लेकर सहमति बनी। पहले यह बैठक अप्रैल 2018 में होनी थी, लेकिन ट्रम्प ने विदेश मंत्री रेक्स टिलेरसन को हटा दिया। तब तक माइक पोम्पियो की नियुक्ति नहीं हुई थी। इस वजह से वार्ता को टाला गया। दूसरी बार बैठक जुलाई 2018 में तय की गई, लेकिन अमेरिका ने बैठक आगे बढ़ाने की बात कही। इसकी वजह दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों में आई खटास को माना गया।

अमेरिका-भारत की बैठक साल में दो बार होना तय :  जून 2017 में बैठक के दौरान मोदी और ट्रम्प ने तय किया था कि द्विपक्षीय सहयोग के तहत रक्षा तकनीक और व्यापारिक पहल के मुद्दों पर बात करने के लिए दोनों देश हर साल दो बार बैठक करेंगे। इसके तहत पहली 2+2 वार्ता 6 सितंबर को हो रही है। इसके अलावा रक्षा और विदेश मंत्रालय स्तर की आखिरी बैठक 19 जुलाई 2018 को हुई। इसमें भारतीय रक्षा उत्पाद सचिव डॉ. अजय कुमार और अमेरिकी रक्षा अधिग्रहण विभाग की मंत्री एलन एम लॉर्ड ने बातचीत की। वहीं, 25 मार्च 2017 को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने अमेरिका के रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस, गृह सुरक्षा मंत्री जॉन केली और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल एचआर मैकमास्टर के साथ मुलाकात की थी।

मोदी भी चार बार जा चुके अमेरिका : भारत-अमेरिका के रणनीतिक संबंधों में सुधार के लिए 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी पहली बार अमेरिका गए थे। इसके बाद जनवरी 2015 में तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा भारत के 66वें गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए तो इसे दोनों देशों के संबंधों में सुधार की तरह देखा गया। इसके बाद मोदी 2015, 2016 और 2017 में अमेरिका जा